लॉकडाउन के दौरान हम सबने अलग-अलग कहानियां देखी है सुनी है और उनकी हिस्सेदार भी रहे हैं यह कहानी भी उन्हीं कहानियों में से एक है और मुझे यकीन है इस कहानी को सुनते हुए आप भी ऐसी ही किसी कहानी को याद करेंगे तो इंतजार मत कीजिएगा जल्दी से उस कहानी क
रविंद्र नाथ टैगोर एक ऐसे लेखक है जो अपने समय से बहुत आगे सोचते थे ऐसा लगता है उनकी कहानियों से कि वह मनुष्य की भावनाओं को साक्षात देख सकते थे मनुष्य बड़ा ही भावनात्मक जीव है यह बात तो सब जानते हैं लेकिन इसको समझने के लिए कहानियां सबसे अच्छा माध
गरीबी और सामाजिक उपेक्षा एक-दूसरे की सगी बहनें हैं। आइए सुनते हैं कहानी (बँगला भाषा के असर कथाकार विभूतिभूषण बन्योपाध्याय भारतीय कथा साहित्य में एक प्रकाशित नक्षत्र की तरह हैं। इन्होंने ग्राम-जीवन से जुड़ी समस्याओं, उनकी मन:स्थिति, उनकी आर्थिक,
हम दुनिया में कहीं पर भी चले जाएं हम अपनी जमीन अपने देश से जुड़े रहना चाहते हैं चाहे कुछ भी हो जाए, आज की यह कहानी ऐसे ही एक इंसान की है जो अपने देश से जुड़े रहना चाहता है मगर उसे उखाड़ कर फेंका जा रहा है कहां फेंका जा रहा है वह यह भी नहीं जानत
यह एक ऐसी बच्चे की कहानी है जिसे अपने दादा जी की बातों पर पूरा विश्वास था जिसका मानना था हमारी दुनिया के अलावा एक और दुनिया है ।इस कहानी में आप मासूमियत से मिलेंगे, दोस्ती से मिलेंगे, दृढ़ भावना से मिलेंगे, प्रेम से मिलेंगे ।
Kabuliwala is a Bengali short story written Rabindranath Tagore in 1892, during Tagore's "Sadhana" period (named for one of Tagore's magazines) from 1891 to 1895. The story is about a fruitseller, a pathan from Kabul, Afghanistan who visits Cal
यह कहानी मुंशी प्रेमचंद की लिखी गई लैला का मौखिक रूप है, लैला कैसी स्त्री है और उसका होना कहानी को आगे कैसे बढ़ाएगा, यह जाने के लिए बने रहिए मेरे साथ और सुनिए इसके सारे एपिसोड ।
यह कहानी रस्किन बॉन्ड की कई कहानियों में से एक है इस कहानी में एक लड़का जो अकेला रहता है एक चूहे के रूप में उसे एक साथी मिलता है चलिए मिलकर सुनते हैं एक चूहे और एक लड़के के बीच की यह मजेदार कहानी ।
हाथियों का झुंड बिन बुलाए खरगोशों के जंगल आ गया और जिस कारण कई सारे खरगोश हाथियों के भारी पैर के नीचे आकर घायल हो गए अब खरगोश तो इतने छोटे होते हैं और हाथी इतने बड़े तो अब क्या होगा ? खरगोश कैसे अपनी जान बचाएंगे ?
क्या हुआ जब एक चालाक और ठगी विद्वान ने निर्णय किया कि वह चार धनी ब्राह्मणों को ठगेगा मगर दुविधा तब हुई जब डाकुआ आ गए । आगे की कहानी जानने के लिए यह ऑडियो सुनिए ।
क्या आपने कहीं सुना है की चूहे पीतल की तराजू खा जाते हैं और एक पास एक बड़े लड़के को अपने साथ उड़ा कर ले कर जा सकता है मगर क्या ऐसा सच में होता है चलिए कहानी सुनते हैं और खुद जान लेते हैं ।
कैसे एक चालाक गीदड़ ने भोले भाले ऊट को अपने जाल में फंसा कर शेर का शिकार बना दिया मगर शेर तो उसको अपना मित्र मानता था फिर उसने ऐसा क्यों किया । जाने के लिए सुने यह कहानी।
यह कहानी पंचतंत्र की है और इस कहानी में यह बताया गया है कि हमें दोस्ती सोच समझकर करनी चाहिए क्योंकि कि एक बिन बुलाया मेहमान आपको कितनी बड़ी मुसीबत में डाल सकता है ।